मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की नई कार्यकारिणी की बेसब्री से प्रतीक्षा के बीच बदलावों का दौर भी चल रहा है। कमजोर प्रदर्शन करनेवाले या निष्क्रिय पदाधिकारियों से पार्टी किनारा कर रही है और उनकी जगह युवा, सक्रिय और दमदार नेतृत्व को आगे लाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस अपने डेढ़ दर्जन से ज्यादा ब्लॉक अध्यक्षों को हटा चुकी है। इसी क्रम में 26 अन्य नेताओं पर भी गाज गिरनेवाली है। ब्लॉक अध्यक्षों के बाद कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्षों की बारी है। पार्टी ने उनके कामकाज के रिव्यू की भी तैयारी कर ली है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस में संगठन को मजबूत बनाने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेशभर में निष्क्रिय लोगों से छुटकारा पाने की कवायद चल रही है। ऐसे 26 ब्लॉक अध्यक्षों की सूची तैयार की गई है जिनको पार्टी हटा रही है। इससे पहले पार्टी के 20 ब्लॉक अध्यक्षों को हटाया जा चुका है। इन सभी नेताओं को निष्क्रियता और कमजोर प्रदर्शन के कारण अपना पद गंवाना पड़ा।
ब्लॉक अध्यक्षों के बाद कांग्रेस जिला अध्यक्षों और नगर अध्यक्षों का नंबर है। तीन साल का अध्यक्षीय कार्यकाल पूरा करनेवाले नेताओं को पद से हटाने का फैसला हो चुका है। जो अध्यक्ष लगातार सक्रिय रहे, पार्टी के कार्यक्रमों, धरना-प्रदर्शनों में शामिल होते रहे, पार्टी नीति पर मुखरता से बोलते रहे, उन्हें ही फिर से मौका दिया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, अभा कांग्रेस के सचिव सह प्रभारी संजय दत्त ने जिला संगठन मंत्रियों की बैठक ली। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजीव सिंह, पूर्व विधायक रवि जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में हुई इस बैठक में प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों का जमकर विरोध करने के लिए प्रेरित किया गया। जिला संगठन मंत्रियों से मंडल और सेक्टर अध्यक्षों से लगातार संपर्क कर उन्हें सक्रिय बनाए रखने को कहा गया।
