संकल्प पत्र का एक और वादा पूरा कर रहे CM मोहन यादव, 2500 करोड़ के निवेश से MP में डबल होगा मिल्क प्रोडक्शन।

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राज्य सरकार ने संकल्पपत्र-2023 में प्रत्येक ग्राम पंचायत में डेयरी सहकारी समितियां और संग्रहण केंद्र स्थापित करने का वादा किया है। इसके साथ ही मिल्क कूलर्स, मिनी-डेयरी प्लांट और ठंडा केंद्रों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इस पहल से दूध उत्पादकों की आय को दोगुना करने का उद्देश्य है।

●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●     प्रकाश तिवारी, एडिटर चीफ की रिपोर्ट✍🏻●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 25 फरवरी को भोपाल में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण डेयरी सहयोग समझौते की घोषणा की। यह समझौता एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड, संबंधित दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच हुआ है।

क्या है इस MOU का उद्देश्य
इसका उद्देश्य राज्य के दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुनी करना और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। इसके लिए हर ग्राम पंचायत में दुग्ध संग्रह केंद्र स्थापित किए जाएंगे, दुग्ध संघों की प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाई जाएगी और दुग्ध समितियों की संख्या में भी इज़ाफ़ा होगा। इस पांच साल के समझौते में 2,500 करोड़ रुपये के निवेश से श्वेत क्रांति मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके तहत हर ग्राम पंचायत में डेयरी सहकारी समितियां और संग्रह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, हर जिले में सांची डेयरी के साथ-साथ मिल्क कूलर, मिनी-डेयरी प्लांट और चिलिंग सेंटर की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

संकल्प पत्र के वादे को पूरा कर रहे सीएम यादव
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार के संकल्प पत्र-2023 में हर ग्राम पंचायत में डेयरी सहकारी समितियां और संग्रह केंद्र स्थापित करने का वादा शामिल है। इससे दूध की खरीद कुशलता से होगी और डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा। श्वेत क्रांति मिशन के तहत 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

आंकड़ों से समझें क्या होगा फायदा
वर्तमान में राज्य में 6,000 दुग्ध समितियां हैं, जिन्हें बढ़ाकर 9,000 किया जाएगा। हर दुग्ध समिति लगभग एक से तीन गांवों से दूध इकट्ठा करती है। इस तरह 9,000 समितियां लगभग 18,000 गांवों को कवर कर सकेंगी। इसके परिणामस्वरूप, दैनिक दूध संग्रह 10.50 लाख किलोग्राम से बढ़कर 20 लाख किलोग्राम होने की उम्मीद है।

पांच वर्षों में होगा इतना निवेश
NDDB द्वारा मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (MPO) के माध्यम से कवर किए जाने वाले गांवों की संख्या भी 1,390 से बढ़कर 2,590 हो जाएगी। इससे दूध की खरीद प्रतिदिन 1.3 लाख किलोग्राम से बढ़कर 3.7 लाख किलोग्राम हो जाएगी। दुग्ध संघों की प्रसंस्करण क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में डेयरी प्लांट की क्षमता 18 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में अनुमानित 1,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस पहल का लक्ष्य दूध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय 1,700 करोड़ रुपये से दोगुनी करके 3,500 करोड़ रुपये करना है।

Maihar News
Author: Maihar News

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